प्रतिपूरक वनरोपण निधि (सीएएफ) अधिनियम, 2016 को 2016 में अधिनियमित किया गया था और प्रतिपूरक वनरोपण निधि (सीएएफ) नियम, 2018 को 10.08.2018 को अधिसूचित किया गया था। 
अधिनियम और नियम 30.09.2018 से लागू हुए। सीएएफ अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत, धनराशि जमा करने के लिए क्रमशः भारत के लोक लेखा और 33 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लोक लेखा के तहत दो विशेष ब्याज वाली निधियाँ, अर्थात् “राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनरोपण निधि” (राष्ट्रीय निधि) और “राज्य प्रतिपूरक वनरोपण निधि” (राज्य निधि) स्थापित की गई हैं। सीएएफ अधिनियम, 2016 ने केंद्र में तदर्थ कैम्पा और संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में राज्य प्राधिकरणों  के स्थान पर राष्ट्रीय कैम्पा (राष्ट्रीय प्राधिकरण) की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त किया। राष्ट्रीय निधि केंद्र सरकार के नियंत्रण में है और इसका प्रबंधन राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। इसी तरह, राज्य निधि संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य  क्षेत्र प्रशासन के नियंत्रण में है और इसका प्रबंधन राज्य कैम्पा द्वारा किया जाता है। ये निधियाँ गैर-व्यपगत हैं और इन पर केंद्र सरकार द्वारा वर्ष-दर-वर्ष घोषित दर के अनुसार ब्याज मिलता है। प्रतिपूरक वनरोपण निधि अधिनियम, 2016 का  उद्देश्य प्रतिपूरक वनरोपण, क्षीण वनों की बहाली, वन्यजीव आवासों में सुधार, जैव विविधता के संवर्धन आदि के माध्यम से वनों को गैर-वनीय उपयोग के लिए मोड़ने के कारण पारिस्थितिकी तंत्र और वन भूमि के नुकसान की भरपाई करना है। 
अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट देखें: https://nationalcampa.nic.in